क्या आपने कभी सोचा है कि इस संसार में हम क्यों आए हैं? हमारा जीवन का उद्देश्य क्या है? क्या खाना-पीना और मनोरंजन ही जीवन का सब कुछ है? ये सवाल शायद हर किसी के मन में कभी न कभी जरूर उठते हैं। हम सभी अपने जीवन में सफलता, खुशी और शांति की तलाश में रहते हैं, लेकिन क्या हमें कभी ये सोचने का समय मिलता है कि ये सब हमें क्यों चाहिए?
मानव और पशु में अंतर:
पशु भी भोजन करते हैं, सोते हैं और प्रजनन करते हैं। लेकिन क्या यही मानव जीवन का एकमात्र उद्देश्य है? निश्चित रूप से नहीं। मनुष्य को एक विशिष्ट बुद्धि और चेतना दी गई है। हम सोच सकते हैं, महसूस कर सकते हैं और आध्यात्मिक अनुभव कर सकते हैं। पशुओं के विपरीत, हम अपने अस्तित्व के बारे में प्रश्न कर सकते हैं।
जीवन का वास्तविक लक्ष्य:
अनेक धर्म और दर्शनशास्त्रों ने जीवन के उद्देश्य के बारे में विभिन्न विचार प्रस्तुत किए हैं। लेकिन मूलतः, जीवन का लक्ष्य आत्मज्ञान प्राप्त करना है। आत्मज्ञान का अर्थ है अपने स्वयं के सच्चे स्वरूप को जानना। हम कौन हैं, हम कहाँ से आए हैं और हम कहाँ जा रहे हैं? जब हम इन प्रश्नों के उत्तर पा लेते हैं, तो हमें जीवन का वास्तविक अर्थ समझ में आने लगता है।
परमात्मा की प्राप्ति:
अनेक आध्यात्मिक मार्गों का अंतिम लक्ष्य परमात्मा की प्राप्ति है। परमात्मा वह शक्ति है जिसने इस संसार को बनाया है। जब हम परमात्मा से जुड़ जाते हैं, तो हमें असीम शांति, आनंद और मुक्ति मिलती है।
निष्कर्ष:
जीवन का उद्देश्य केवल भौतिक सुखों को प्राप्त करना नहीं है। सच्चा सुख आंतरिक शांति में निहित है। जब हम अपने भीतर की ओर यात्रा करते हैं और आत्मज्ञान प्राप्त करते हैं, तो हम जीवन के वास्तविक अर्थ को समझ पाते हैं।
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