नवीन गृह प्रवेश वास्तु हवन पूजन सामग्री
 

1) नारियल =8 / सुखा नारियल ( गरीगोला ) 1
2) सुपारी 25 / साबुत हल्दी 25 
3)लौंग = 10 ग्राम
4)इलायची = 10 ग्राम
5) पान के पत्ते = 31
6) रोली =1 पैकेट
7) मोली / कच्चा धागा = एक एक गोला
8) जनेऊ = 7
9) कच्चा दूध = 2 लीटर
10) दही = 1.5 लीटर
11) घी = 1.5 किलो ग्राम
12) शहद = 250 ग्राम
13) शक्कर / गुड = एक एक किलो ग्राम
14) साबुत चावल. = 7 किलो ग्राम / गेंहू 2 किलो 
15) पंच मेवा        
16) पंच मिठाई      
17) ॠतु फल          
18) फूल माला,फूल, तुलसी पत्ता, दुर्वा घांस, 
19)धूप, अगरबत्ती       
20) हवन सामग्री = 1 पैकेट
21) जौ = 250 ग्राम
22) काला तिल = 250 ग्राम
23)मिट्टी का बड़ा दीया,1= छोटा दिया 10= 7 मिट्टी का कलश 
24) रूई = 1पैकेट
25) पीला, लाल, काला, सादा , हरा कपड़ा=सवा सवा मीटर
26) कपूर                  
27) दोने = 1 पैकेट
28) आम का पत्ता / केले का पत्ता 
29) आम की लकडियां/ नवग्रह लकड़ी 
30) चांदी का वास्तु 
31) चांदी का सिक्का
32) चांदी का गौ
33) नवरत्न 1 / नवधान 1
34) पंचधातु 
35) धोती, गमछा, गंजी, सेट / साड़ी सेट / यजमान वस्त्र 
36) हवन कुंड
37) 5 पाटा
38) लाल, हरा, नारंगी, नीला, एक एक पेकेट फुड कलर 
39) ब्रह्म पात्र 1 
40) सिंगारी सामान
41) गोबर

गृह प्रवेश की पूजा विधि

सबसे पहले गृह प्रवेश के लिये दिन, तिथि, वार एवं नक्षत्र को ध्यान मे रखते हुए, गृह प्रवेश की तिथि और समय का किया जाता है। गृह प्रवेश के लिये शुभ मुहूर्त का ध्यान जरुर रखें। इस सब के लिये एक विद्वान ब्राह्मण की सहायता लें, जो विधिपूर्वक मंत्रोच्चारण कर गृह प्रवेश की पूजा को संपूर्ण करता है। इन बातों का रखें ध्यान

माघ, फाल्गुन, वैशाख, ज्येष्ठ माह को गृह प्रवेश के लिये सबसे सही समय बताया गया है। आषाढ़, श्रावण, भाद्रपद, आश्विन, पौष लिहाज से शुभ नहीं माने गए हैं। मंगलवार के दिन भी गृह प्रवेश नहीं किया जाता विशेष परिस्थितियों में रविवार और शनिवार के दिन भी गृह प्रवेश वर्जित माना गाया है। सप्ताह के बाकि दिनों में से किसी भी दिन गृह प्रवेश किया जा सकता है। अमावस्या व पूर्णिमा को छोड़कर शुक्लपक्ष 2, 3, 5, 7, 10, 11, 12, और 13 तिथियां प्रवेश के लिये बहुत शुभ मानी जाती हैं।
Q:गृह प्रवेश के लिए हमें क्या करना चाहिए?
A:जब आप किसी नए घर में रहने जाते हैं, तो कई बातों का ध्यान रखना होता है, जैसे - शुभ तिथि चुनना, यह सुनिश्चित करना कि निर्माण कार्य पूरा हो चुका हो, सकारात्मकता के लिए सभी आवश्यक बातों को ध्यान में रखते हुए गृह प्रवेश पूजा (Griha Pravesh pooja) करना।
Q:हमें गृह प्रवेश पूजा कब करनी चाहिए और नए घर में रहना शुरु करना चाहिए?
A:द्वितीया, तृतीया, पंचमी, षष्ठी, सप्तमी, दशमी, एकादशी, द्वादशी और त्रयोदशी तिथि जैसे तिथियों पर नए घर में रहना शुरु कर सकते हैं, गृह प्रवेश के लिए शुभ माना जाता है। गृह प्रवेश मुहूर्त 2022 के बारे में जानने के लिए आप हमारा ब्लॉग भी देख सकते हैं।
Q:क्या शनिवार को नए घर का गृह प्रवेश करना अशुभ है?
A:हां, नए घर का गृह प्रवेश शनिवार और बरसात के दिनों में नहीं किया जाता है। आप गृह प्रवेश मुहूर्त के दिन ऑनलाइन देख सकते हैं या अपने पुजारी से पुछ सकते हैं।
Q:गृह प्रवेश पूजा करने का सबसे अच्छा दिन कब है?
A:दिवाली और दशहरा को शुभ त्योहार माना जाता है और यह घर के गृह प्रवेश पूजा के लिए आदर्श हैं। गृह प्रवेश मुहूर्त के लिए सही दिन चुनने के लिए आप किसी पुजारी से सलाह ले सकते हैं।
Q:क्या हम मुहूर्त के बिना गृह प्रवेश कर सकते हैं?
A:हिंदू परंपराओं के अनुसार, शुभ तिथि और उपयुक्त गृह प्रवेश मुहूर्त पर गृह प्रवेश किया जाना चाहिए।
Q:गृह प्रवेश पूजा में दूध क्यों उबाला जाता है?
A:दूध को शुद्ध माना जाता है और समृद्धि का प्रतीक है; इसलिए घर की महिला गृह प्रवेश पूजा के दौरान दूध उबालती है।
Q:क्या किराए के घर के लिए गृह प्रवेश पूजा अनिवार्य है?
A:गृह प्रवेश पूजा एक महत्वपूर्ण हिंदू समारोह है जो घर को बुरी नजर और नकारात्मक ऊर्जा से बचाता है। इसलिए, किराए के अपार्टमेंट / फ्लैट में जाने से पहले गृह प्रवेश पूजा करना अच्छा होता है।
Q:क्या मैं गृह प्रवेश पूजा से पहले अपने फर्नीचर को स्थानांतरित कर सकता हूं?
A:नए घर में कुछ भी ले जाने से पहले गृह प्रवेश पूजा या वास्तु पूजा करने का सुझाव दिया जाता है।